कैसा है इस बार हरियाणा का बजट सत्र ?
हरियाणा विधानसभा सत्र 2025: एक विस्तृत विश्लेषण
हरियाणा विधानसभा सत्र 2025 का आयोजन 7 मार्च से शुरू हुआ। यह सत्र कई महत्वपूर्ण विधायी गतिविधियों, बजट प्रस्तुति, विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहसों और जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए जाना गया। इस लेख में हम विधानसभा सत्र के प्रमुख मुद्दों, बहसों, लिए गए निर्णयों और उनके संभावित प्रभावों का विस्तृत अध्ययन करेंगे।
- हरियाणा बजट 2025
हरियाणा के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री नायब सैनी ने इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया। इस बजट का उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और उद्योगों में सुधार करना था। बजट में निम्नलिखित मुख्य घोषणाएँ की गईं:
शिक्षा:
- 500 नए सरकारी स्कूलों का उन्नयन।
- सभी सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम की स्थापना।
- 2000 नए शिक्षकों की भर्ती।
स्वास्थ्य:
- हर जिले में नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) खोलने की घोषणा।
- सरकारी अस्पतालों में 3000 नई नर्सों और डॉक्टरों की भर्ती।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा।
कृषि:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटी।
- जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज।
- नई सिंचाई परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान।
इंफ्रास्ट्रक्चर:
- सभी प्रमुख सड़कों की मरम्मत के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजट।
- मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के लिए नई परियोजनाओं की घोषणा।
- विपक्ष का रुख और सरकार पर आरोप
विधानसभा सत्र में विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस और इनेलो, ने सरकार पर कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाए। प्रमुख विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर तीखा हमला बोला और राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की।
मुख्य आरोप:
बढ़ता कर्ज:
- विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि हरियाणा पर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो गया है।
- हुड्डा ने मांग की कि सरकार कर्ज का विस्तृत विवरण पेश करे।
रोज़गार संकट:
- विपक्ष ने आरोप लगाया कि हरियाणा में बेरोजगारी दर देश में सबसे अधिक हो गई है।
- सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता की कमी और भर्ती परीक्षाओं में धांधली के मामले उठाए गए।
भ्रष्टाचार और भर्ती घोटाले:
- 2008 में इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले पर तीखी बहस हुई।
- हुड्डा ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यदि कोई दोष सिद्ध होता है, तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं।
- सत्ताधारी दल का जवाब
मुख्यमंत्री नायब सैनी और गृह मंत्री अनिल विज ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और राज्य में निवेश बढ़ा है।
- रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं।
- अनिल विज ने हुड्डा को जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है और वे केवल राजनीति कर रहे हैं।
- विधानसभा में पारित प्रमुख विधेयक
विधानसभा सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत और पारित किए गए। इनमें से कुछ प्रमुख विधेयक निम्नलिखित हैं:
- हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा सुरक्षा) विधेयक, 2025
- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई करने की नीति पर आधारित।
- इस विधेयक के तहत 50,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की योजना।
- हरियाणा ट्रैवल एजेंट पंजीकरण एवं नियमन विधेयक, 2025
- ट्रैवल एजेंसियों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए नया कानून।
- अनियमित रूप से कार्यरत ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- हरियाणा भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025
- किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए भूमि कानूनों में संशोधन।
- ज़मीन अधिग्रहण के मामलों में पारदर्शिता लाने के प्रावधान।
- विधानसभा में हंगामा और सत्र की प्रमुख घटनाएँ
हरियाणा विधानसभा का यह सत्र राजनीतिक उठा-पटक और विवादों से भी भरा रहा।
- विपक्ष का वॉकआउट:
- बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया।
- मुख्यमंत्री और हुड्डा के बीच तीखी नोकझोंक:
- हुड्डा ने सरकार पर कर्ज और वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया, जिस पर मुख्यमंत्री सैनी और अनिल विज ने पलटवार किया।
- किसानों के मुद्दों पर बहस:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की माँग को लेकर किसानों का मुद्दा सदन में उठा।
- भविष्य की नीतियाँ और संभावित प्रभाव
हरियाणा विधानसभा सत्र 2025 में उठाए गए मुद्दों और पारित विधेयकों का राज्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।
- आर्थिक स्थिरता: यदि सरकार अपने बजटीय वादों को पूरा करने में सफल होती है, तो हरियाणा की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- रोज़गार के अवसर: नई भर्ती योजनाओं से युवाओं को लाभ मिलेगा, लेकिन इसके क्रियान्वयन पर नजर रखनी होगी।
- कृषि सुधार: किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका प्रभाव आने वाले समय में दिखेगा।
- विपक्ष की भूमिका: विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखते हुए सरकार को अधिक जवाबदेह बनना होगा।
विभिन्न विधायकों के बयान :-
- भाजपा ने नूंह में कोई विकास नहीं किया : मामन खान
- ओपीएस लागू हो, ई-टेंडरिंग-ऑनलाइन ट्रांसफर बंद हो : गौतम
- युवा नशे की तरफ जा रहे, क्योंकि सरकार नौकरी नहीं दे रही : खटक
- कर्ज लिए जाओ, और घी पियो, मरने के बाद कोई नहीं पूछता, कर्जे में डुबाए जाओ : भूपेन्द्र सिंह हुड्डा
- जब हुड्डा जी मुख्यमंत्री थे तो ये हमे बोलने नहीं देते थे, हमे एक एक शब्द बोलने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अब मैं पांच साल बोलूंगा और तुम्हारी जान खाऊंगा : अनिल विज
निष्कर्ष
हरियाणा विधानसभा सत्र 2025 में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहसें देखने को मिलीं। सरकार ने कई नई योजनाएँ पेश कीं, जबकि विपक्ष ने राज्य की वित्तीय स्थिति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा। इस सत्र के निर्णयों का प्रभाव आने वाले वर्षों में हरियाणा के विकास पर पड़ेगा।
इस सत्र में पारित विधेयक, लिए गए निर्णय और राजनीतिक गतिरोध यह दर्शाते हैं कि हरियाणा की राजनीति और शासन प्रणाली में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।