टोहाना में भी चलेगा - SIR- Special Intensive Revision (वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान)
अब हरियाणा में भी फर्जी वोट सफाई अभियान (SIR) होगा, फर्जी वोटर और रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठियों की धरपकड़ के लिए प्रधानमंत्री स्तर पर गंभीरता दिखाई गई है, व नरेंद्र मोदी कई मौकों पर इस बारे बात कर चुके हैं, फ़िलहाल हरियाणा में शुरू होने जा रहे SIR (Special Intensive Revision) प्रोग्राम के तहत 2002 की वोटर लिस्ट के आधार पर वोट तस्दीक की जाएगी और फर्जी वोटर हटाए जाएंगे।

टोहाना के BLO (बूथ लेवल ऑफिसर – जो वोट बनाने काटने, सुधारने का काम करते हैं) इस काम के लिए अभी 3 दिन की गहन ट्रेनिंग पर हैं व SDM महोदय की निगरानी में ये ट्रेनिंग गंभीरता से चलाई जा रही है, इसमें 2002 की वोटर लिस्ट में जो नाम हैं, अगर वही नाम आज की लिस्ट में हैं तो वो ओके माने जायेंगे, और जो वोट आज की लिस्ट में हैं लेकिन 2002 की लिस्ट में नहीं है तो ऐसी सभी वोटों की गहन तस्दीक की जाएगी कि वो 2002 के बाद कैसे जुड़े |
SIR कार्यक्रम क्या है?
SIR, या विशेष गहन पुनरीक्षण, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें राज्य की मौजूदा वोटर लिस्ट का 2002 की सूची के साथ गहन मिलान किया जाएगा। यदि किसी मतदाता का नाम दोनों सूची में मौजूद है, तो उसे कोई अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी
सभी BLO (Booth Level Officers) को 20 अक्टूबर 2025 तक यह मिलान करने का निर्देश दिया गया है।
BLO घर-घर जाकर वोटर की जानकारी जुटाएंगे। मतदाता को दो प्रतियों में फॉर्म भरना होगा – एक स्वयं के लिए, दूसरी BLO के लिए।
यदि किसी मतदाता का नाम दोनों सूची में नहीं मिलता, तो उन्हें वैध दस्तावेज देने होंगे (जैसे आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड आदि)।
फर्जी वोटर हटाने की प्रक्रिया
- SIR कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वोटर लिस्ट से फर्जी, मृत या अनुपयुक्त नामों को निकालना है।
- 1200 से अधिक वोटर वाले बूथ पर नई पोलिंग स्टेशन बनाई जाएगी ताकि अधिक भीड़ ना हो।
- फर्जी वोटर हटाने के लिए घर-घर सत्यापन, फॉर्म वितरण, ट्रेनिंग और बैठकें की जाएंगी।
- किसी भी मतदाता का नाम हटाने से पहले उसे नोटिस दिया जाएगा और उसका पक्ष सुना जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
विपक्षी दलों का कहना है कि ये प्रक्रिया गरीबों और वंचितों को मतदाता सूची से बाहर कर सकती है, जबकि चुनाव आयोग ने पारदर्शिता व निष्पक्षता का भरोसा दिलाया है।
SIR के बाद स्वच्छ वोटर लिस्ट का लाभ
- विशुद्ध मतदाता सूची से चुनावी पारदर्शिता और जनविश्वास मजबूत होगा।
- राज्य की चुनावी प्रक्रिया में सुधार, अवैध वोटिंग और लाभार्थी वोटर खोजने में सहूलियत मिलेगी।
- यह प्रक्रिया बिहार में पहले शुरू हो चुकी है
- बिहार में SIR मॉडल लागू होने पर विपक्ष ने जमकर विरोध किया, लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि बिना नोटिस, किसी का नाम नहीं हटेगा और दावा-आपत्ति की पूर्ण प्रक्रिया होगी।
हमारा आंकलन
हरियाणा में SIR के तहत 2002 की वोटर लिस्ट से वोट तस्दीक, घर-घर सत्यापन, फर्जी वोटर हटाने, नई पोलिंग स्टेशन निर्माण, ट्रेनिंग व बैठक – ये सभी मिलकर राज्य की चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। जिसका प्रत्येक टोहाना वासी व हरियाणा वासी को सहयोग व प्रशंसा करनी चाहिए, आखिर हम ही तो दिन रात सोशल मीडिया पर चिल्लाते हैं कि विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करो …. आपकी इस पर क्या राय है जरुर बताएं …