क्या टोहाना बन सकता है जिला ?? क्या हैं नियम ??
नए जिलों के गठन के साथ ही फतेहाबाद जिले के अंतर्गत आने वाले टोहाना क्षेत्र के लोगों व समाज सेवी संगठनों ने भी अपने क्षेत्र टोहाना को जिला बनाने की मांग उठा दी है, प्रमुख समाज सेवियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जोड़कर आम जन की इस आवाज ऊपर सरकार तक पहुँचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं,
टोहाना को भी जिला बनाने की उठी मांग
इसी कड़ी में शहर के समाजसेवी लोगों, पत्रकारों, कर्मचारियों, व्यापारियों, विद्यार्थीयों, महिलाओं के समूह आदि को साथ जोड़कर एक “धर्मनगरी टोहाना बनेगा जिला” नाम से नया WHATSAPP ग्रुप बनाया गया है और जिला बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का कार्य शुरू कर दिया गया है,
वहीँ पूर्व केबिनेट मंत्री देवेंदर बबली ने भी टोहाना को जिला बनाने की सिफारिश व अपनी और से पूरा समर्थन दिया है | अब देखना होगा कि क्या टोहाना के लोगों की इस पुरानी डिमांड पर गौर करके टोहाना को जिला बनाया जायेगा या नहीं |
कैसे बनता है जिला
इसी कड़ी में हमें समझना होगा की किसी क्षेत्र को जिला बनाने के लिए क्या जरूरतें होनी चाहिए व इस बारे नियम क्या कहते हैं ??
भारत की प्रशासनिक व्यवस्था में पंचायत, तहसील, जिला, राज्य और देश आता है। इसमें जिला सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। देश में इस समय कुल जिलों की संख्या 800 के पार जा चुकी है। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई सरकार किस तरह से नए जिलों का निर्माण करती है? वह इस दौरान किस प्रक्रिया का पालन करती है?
आज इस लेख में डिजिटल टोहाना टीम आपको नया जिला बनाने की प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी देगी |
भारत में किसी भी नए जिले का निर्माण ऐसे ही नहीं हो जाता है। इसके पीछे पूरी प्रक्रिया होती है। नए जिले के निर्माण के लिए पूरी रूपरेखा तैयार की जाती है। इसके बाद कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद उसे जमीनी हकीकत में बदला जाता है।
नए जिले के निर्माण के लिए सबसे पहले एक प्रस्ताव बनाया जाता है। यह प्रस्ताव स्थानीय प्रशासन, निर्वाचित प्रतिनिधियों या अन्य संगठनों के द्वारा बनाया जाता है, जिसके बाद इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाता है। राज्य सरकार इस प्रस्ताव को गहनता से देखती है। जिसमें नए जिले की आवश्यकता का व्यवहार्यता अध्ययन किया जाता है।
इस चरण में क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व, भौगोलिक क्षेत्र, प्रशासनिक सुविधा और संसाधनों की उपलब्धता के अलावा वहां के सामाजिक विश्लेषण जैसे कारकों पर भी गंभीरता से विचार किया जाता है।
प्रस्तुति :-
लक्की बतरा
टोहाना अपडेट न्यूज़
जिलों के लिए क्या आवश्यकता ?
एक जिले के गठन के लिए आवश्यकता होती है कि वर्तमान जिला मुख्यालय से उसकी दूरी कम से कम 50 किलोमीटर हो | वहीं, आसपास के क्षेत्र तहसील को मिलाकर 1 जिले की आबादी भी करीब 10 लाख की होनी चाहिए और उसमें कम से कम तीन से चार तहसील और उपखंड मुख्यालय शामिल होने चाहिए. जिला बनाने के लिए भविष्य की प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता होती है.
इसके साथ ही जिला स्तरीय कार्यालय जिनमें कलेक्ट्रेट, एसपी ऑफिस, जिला न्यायालय, राजकीय कॉलेज सहित अन्य दफ्तर बनाने के लिए भवन व्यवस्था का होना और क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली, चिकित्सा, शिक्षा और रेल परिवहन की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. वहीं, अगर सरहदी क्षेत्र हो तो उस पर सेना या केंद्र की किसी एजेंसी या मंत्रालय को आपत्ति नहीं होना चाहिए और पड़ोसी राज्यों से उसका कोई सीमा विवाद भी नहीं होना चाहिए.
राज्य सरकार लेती है नया जिला बनाने का निर्णय
अब जब राज्य सरकार को लगता है कि यह प्रस्ताव सही है, इसके बाद वह स्थानीय जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों आदि से बातचीत करती है।
इस दौरान जब सभी विषयों और पहलुओं पर सहमति बन जाती है तब राज्य सरकार की और से नया जिला बनाने का निर्णय लिया जाता है और इसके लिए आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना जारी करनी होती है। जिसमें नए जिले के निर्माण की घोषणा के साथ ही जिले की सीमाओं को भी समाविष्ट किया जाता है।
राज्य सरकार ही जिले की सीमा तय करती है। इसके बाद राज्यपाल नए जिले को अपनी स्वीकृति प्रदान करता है। इसके बाद वह जिला आधिकारिक रूप ले पाता है।
सबसे पहले तैनात किए जाते हैं डीएम और एसपी
जिला घोषित होने के बाद सरकार यहां से सबसे पहले डीएम और एसपी की तैनाती करती है। अन्य अधिकारीयों की नियुक्ति आने वाले समय में धीरे-धीरे होती रहती है। जिले के निर्माण के बाद सरकार प्रशासनिक कार्यालय, पुलिस स्टेशन, अस्पताल, स्कूल और अन्य आवश्यक सेवाएं और जन सुविधाएं स्थापित करती है। इसके साथ ही पुराने और नए जिले के बीच संसाधन और संपत्ति का बंटवारा भी किया जाता है।
हरियाणा का 23वां जिला बना
हाल ही में हरियाणा में भी नायब सैनी सरकार कई महत्वपूर्ण मांगों को पूरा करने में जुटी हुई है। खासतौर पर नए जिलों के गठन की मांग को लेकर सीएम नायब सिंह सैनी ने काम शुरू कर दिया है। हरियाणा के 23वें नए जिले की घोषणा कर दी गई है और जलेबियों के शहर के नाम से मशहूर गोहाना को नया जिला बनाने की घोषणा की गई है |
चरखी-दादरी बना था 22वां जिला
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता वाली सब कमेटी की सिफारिश पर चरखी दादरी को हरियाणा का 22वां जिला बनाया गया था। हालांकि, उसी सब कमेटी ने गोहाना और हांसी को भी जिला बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन उस समय इस सिफारिश को मान्यता नहीं मिली थी।
टोहाना को जिला बनाने के लिए लगेगा सबका प्रयास
टोहाना को जिला बनाने की मांग काफी समय से की जा रही है। इन क्षेत्रों के लोग लंबे समय से जिला बनने की आस लगाए बैठे हैं, जिससे उनकी प्रशासनिक और विकास से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सके।
यदि टोहाना जिला बनता है तो इससे स्थानीय क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा होगा और प्रशासनिक कार्यों में भी सुगमता आएगी, लेकिन इसके लिए टोहाना क्षेत्र के सभी तबकों का साथ आवश्यक होगा चाहे वह आम आदमी हो, नेता हो, पत्रकार हो, समाज सेवी हो, व्यापारी हो या डॉक्टर हो, मजदुर हो या कर्मचारी हो, जब समाज का हर तबका इस आवाज को प्रमुखता से उठाएगा, तभी “धर्मनगरी टोहाना को जिला बनाने की इस मुहीम को सफलता मिलेगी |
डिजिटल टोहाना की टीम इस कार्य में आप सभी के साथ है व टोहाना को जिला बनाने की मुहिम का पूर्ण समर्थन करती है …………….
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