इस बार धमाकेदार होली - रंगों के त्योहार होली का सम्पूर्ण रंग बिरंगा इतिहास
रोचक तथ्य, इसका महत्व, और इससे जुडी हुई पौराणिक कथाएं, आज होली के बारे विस्तार से पढ़िए …

Munisha Bhatt
संपादक डिजिटल टोहाना
आज March 13, 2025, Tohana, Haryana, में विक्रम संवत 2081, तिथि – फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी को भारत में होली का त्यौहार इस बार बहुत उत्साह से मनाया जा रहा है, भारत त्योहारों का देश है । यहाँ सभी सनातनी त्योहार बिना खून गिराए, बिना किसी जानवर का रक्त बहाए हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं, जिनमें से रंगों का त्यौहार होली सबसे प्राचीन और लोकप्रिय पर्वों में से एक है। होली का रंगीन त्यौहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में 50 से अधिक देशों में बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
खुशियों से भरे इस त्योहार का संबंध भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस अंग्रेजी वर्ष 13 मार्च, 2025 को होलिका दहन (Holika Dahan 2025) और 14 मार्च, 2025 को होली (फाग) मनाई जाएगी।
आज इस कड़ी में हम होली का इतिहास (Holi in Hindi), महत्व, पौराणिक कथाएं और इस त्योहार को मनाने के पीछे की मान्यताओं के बारे में विस्तार चर्चा करेंगे ….

इस ब्लॉग में पढ़ें ...
- 2025 में होली की तिथि (विक्रम संवत अनुसार)
- होली का इतिहास क्या है?
- 1. प्रह्लाद और होलिका
- 2. कामदेव और रति
- 3. राधा-कृष्ण और गोपियां
- होली पर्व का महत्व
- होली क्यों मनाते हैं?
- होली कैसे मनाई जाती है?
होली कब है 2025?
भारत में इस वर्ष होली का त्योहार March 13, 2025, – विक्रम संवत 2081, तिथि-फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी को बहुत उत्साह से मनाया जा रहा है, हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा की तिथि पर शाम के वक्त होलिका दहन होता है, वहीं इसके अगले दिन (फाग) रंगोत्सव मनाया जाता है। इस साल 13 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan 2025) और 14 मार्च को होली मनाई जाएगी।
होली का इतिहास क्या है ?
मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम, रंगों और ठंडाई के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली या होलिका दहन के नाम से जाना जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी या फाग कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

होली का इतिहास
होली का इतिहास प्राचीन काल के विभिन्न कथाओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- प्रह्लाद और होलिका
भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से जुड़ी हुई इस कथा में प्रह्लाद, राक्षसों का राजा हिरण्यकश्यपु का पुत्र था और भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन राजा हिरण्यकश्यपु भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानते थे। ऐसे में जब हिरण्यकश्यप को पता चला कि उसका पुत्र प्रह्लाद विष्णु भक्त है, तो उसने प्रह्लाद को रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुका।
ऐसे में हिरण्यकश्यप ने होलिका (जिसे अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था) को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ जाए। जब होलिका ने अपने भाई के आदेशों के मुताबिक प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर अग्नि में प्रवेश किया था। तो उस समय भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचा लिया और परिणामस्वरूप, होलिका अग्नि में जल गई। इस तरह इस घटना को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने लगा।
- कामदेव और रति
यह कथा भगवान शिव के पुत्र कामदेव और उनकी पत्नी रति से जुड़ी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव ध्यान में लीन थे और उसी समय उनके पुत्र कामदेव ने उनका ध्यान भंग कर दिया। इससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया। इसके बाद रति की प्रार्थना पर भगवान शिव ने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। ऐसे में यह घटना वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक बन गई।
- राधा-कृष्ण और गोपियां
यह कथा भगवान कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा और गोपियों से जुड़ी हुई है। मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण गोपियों के साथ रंगों से खेलते थे। इसे प्रेम और खुशी का प्रतीक माना जाता है।
होली कितने देशों में मनाई जाती है?
मुख्य रूप से होली सनातनी देश भारत और नेपाल में मनाई जाती है। लेकिन, अब यह त्योहार सिर्फ भारत और नेपाल तक ही सीमित नहीं है। इसे अब इन दोनों देशों के अलावा अन्य देशों में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के अलावा होली मनाने वाले दुनिया के देश निम्नलिखित हैं :-
फ्रांस | दक्षिण अफ्रीका |
इटली | जर्मनी |
स्विट्जरलैंड | थाईलैंड |
मलेशिया | सिंगापुर |
नीदरलैंड्स | बांग्लादेश |
मॉरीशस | स्पेन |
श्रीलंका | म्यांमार |
अमेरिका | कनाडा |
सूरीनाम | गुयाना |
ऑस्ट्रेलिया | न्यूज़ीलैंड |
त्रिनिदाद और टोबैगो | फिजी |
होली पर्व का महत्व
एक तरह जहाँ होली का पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। वहीं दूसरी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं।
सामाजिक महत्व
होली के त्यौहार का अपने आप में सामाजिक महत्व है। यह दुश्मनी भुलाकर गले लगाने वाला दिन माना जाता है , यह दिन सभी लोगों के आपसी मतभेद को दूर करके उन्हें करीब लाता है। यह त्यौहार दुश्मनों को दोस्तों के रूप में बदलता है। यह त्यौहार संबंधों को पुन: जीवित करता है और उनमें मजबूती लता है।
होली का त्यौहार हमारे शरीर और मन पर बहुत लाभकारी प्रभाव डालता है। यह त्यौहार हमारे जीवन में आनन्द और मस्ती लाता है। यह त्यौहार रंग खेलने, स्वादिष्ट मिठाई खाने और परिवार के बड़ों से आशीर्वाद लेने का अवसर होता है।
होली क्यों मनाते हैं?
होली के त्यौहार को मनाने के कई कारण हैं। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह त्यौहार बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। होली के त्योहार पर होलिका दहन यह इंगित करता है कि, जो भगवान के प्रिय लोग है उन्हे पौराणिक चरित्र प्रहलाद की तरह बचा लिया जाएगा। इसके अलावा होली वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है। इस दौरान नई और अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए भगवान की पूजा भी की जाती है।
होली कैसे मनाई जाती है?
इस पावन अवसर पर लोग एक-दूसरे के गुलाल और अबीर लगाते हैं एवं मुंह मीठा करवाकर खुशी से भरे इस त्यौहार की बधाई देते हैं। पानी की होली: कुछ जगहों पर लोग पानी की होली भी खेलते हैं। होली का त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग अलग मान्यताओं के मुताबिक मनाया जाता हैं। कहीं पानी की होली तो कहीं फूलों की होली खेली जाती है। इसके अलावा कहीं कहीं पर लठ मार होली भी खेली जाती है। इस दिन सभी लोग मौज-मस्ती के रंग में डूबे नजर आते हैं। वहीं होली के त्योहार से एक दिन पहले होलिका दहन होता है। इस दिन गली-मोहल्लों एवं चौराहों आदि पर लकड़ी और उपलों से होली बनाकर उसका दहन किया जाता है और फिर उसके चारों ओर लोग परिक्रमा कर भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं ।
होली का त्यौहार कब मनाया जाता है?
- होली का त्यौहार हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च में आता है।
होली खेलने के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
- होली खेलने के दौरान रासायनिक रंगों का प्रयोग न करें, क्योंकि वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। पानी का दुरुपयोग न करें और पर्यावरण का ध्यान रखें। इन सब के अलावा पशु पक्षिओं को रंग न लगाएं, रंग उनके लिए हानिकारक होते हैं।
होली के त्यौहार का क्या महत्व है?
- होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह वसंत ऋतु के आगमन और रंगों की खुशी का जश्न मनाने का त्यौहार माना जाता है।
होली कितने देशों में मनाई जाती है?
- रिपोर्ट्स के अनुसार होली का त्योहार 50 से अधिक देशों में मनाया जाता है।
होली कब है 2025?
- इस साल 13 मार्च, 2025 को होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च, 2025 को होली मनाई जाएगी।
होली से जुड़ी विशेष परंपराएँ क्या हैं?
- होली के दिन विशेष रूप से एक-दूसरे को रंग लगाना, गीत गाना, और खुशी के साथ त्योहार मनाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसके अलावा, ‘लठमार होली’ और ‘फाग उत्सव’ जैसे स्थानीय रीति-रिवाज भी प्रचलित हैं।